बाबा बैद्यनाथ, देवघर (झारखंड)


बाबा बैद्यनाथ 
 प्राचीन मंदिर एवम बारह ज्योतिर्लिंगों मैं से एक है, जहा लाखो शिव के उपासक का जलार्पण नित्यादिन होता है। मान्यता है रावण जब अपने तप से महादेव को प्रसन्न कर, महादेव के प्राप्त वरदान से महादेव को लंका ले जाने की इच्छा जताई, तब महादेव ने लिंग स्वरूप अपना अंश देते हुए कहते है की इसे तुम जहा भी रखोगे ये वही स्थापित हो जायेगी , रावण शिवलिंग को लेकर लंका जाने लगा किन्तु रास्ते मै उसे लघुशंका प्रतित होता है , उसे अस्मरण होता है अगर शिवलिंग को धरती पर रखता है तो ये यही स्थापित हो जायेगी तभी रावण को एक चरवाहा दिखाई देता है उसे रोक वो अपनी विडम्बना सुनाता है एवम अनुरोध करता है कि वह शिवलिंग को पकड़ कर थोड़ी देर रखे ताकि वह लघुशंका कर सके चरवाहा उसकी बातों को सुनकर मान जाता है , रावण लघुशंका के लिए निश्चित मन से थोड़ी दुरी पे चला जाता है | 

काफी समय चरवाहा के इंतज़ार के बाद भी जब रावण वापस नही आता है तब चरवाहा उस शिवलिंग को जमीन पे रख कर चला जाता है | थोड़े  समय पश्चात् जब रावण वापस आकर देखता है कि चरवाहा वहा नहीं है एवम शिवलिंग जमीन पर  स्थापित है यह सब देख रावण बहुत जायदा क्रोधित होता है एवम बहुत समय प्रयास के बाद भी शिवलिंग को वापस ले जाने मै खुद को असमर्थ पाता है | 

कुछ समय पश्चात चरवाहा जब उसी जंगल मै अपने पशुओ के साथ घुम रहा था तभी उसकी नजर शिवलिंग के ऊपर गई , उसे आश्चर्य हुआ कि शिवलिंग लेने वह व्यक्ति वापस क्यों नही आया , खैर इन सब चिंता को छोड़ वह अपने नित्य दिन कि तरह अपने कार्यो मै लग जाता है साथ मै शिवलिंग कि सेवा मै भी | 

उस चरवाहे का नाम बैद्यनाथ था , उन्ही के नाम पे बाबा बैधनाथ धाम का नाम रखा गया जो की विश्वविख्यात है | 



ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं। रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।। पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं। विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।
बाबा बैद्यनाथ धाम मै सावन मास मै भक्तों की भीड सी लगी होती है भक्तों के द्वारा एक लम्बी कावड़ यात्रा कि जाती है जिसमे भक्तो के द्वारा कावड़ मै गंगा जल को लेकर 110 किलोमीटर कि लम्बी पैदल यात्रा की जाती है जो खुद मै आश्चर्जनक भक्ति को प्रस्तुत करती है ,
यह यात्रा सुल्तानगंज (बिहार ) से देवघर (झारखण्ड ) को आती है , इस यात्रा का दृश्य मनमोहक होता है | 
बीतते वक्त के साथ बाबा नगरी मै बदलाव एवम विकास बहुत तेज़ी के साथ हो रही है इन बातो का उलेख हम दूसरे भाग मै करेंगे जिसमे पुरे बैद्यनाथ की नगरी की होगी | 
                        जय झारखण्ड                                    जय बाबा बैद्यनाथ                        जय हिन्द 

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